हिंदी को समसामयिक प्रचार-प्रसार माध्यमों से जोड़कर देश-विदेश में फैले हिंदी प्रेमियों और शिक्षार्थियों के बीच इसकी लोकप्रियता के उद्देश्य से केंद्रीय हिंदी संस्थान के सूचना एवं भाषा-प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा भाषा-साहित्य सी.डी निर्माण परियोजना का आरंभ वर्ष 2007 में किया गया था। जिसके अंतर्गत (i) हिंदी भाषाशिक्षण की उपयोक्ता (शिक्षार्थी) केंद्रित मल्टीमीडिया सी.डी., (ii) हिंदी के प्रख्यात कवियों की प्रतिनिधि रचनाओं पर की संगीतमय काव्य आवृत्ति पर आधारित ऑडियो सी.डी. और (iii) साहित्यकारों के जीवन और रचनाओं पर आधारित वीडियो सी.डी. का निर्माण किया जा रहा है।
मल्टीमीडिया हिंदी भाषाशिक्षण कार्यक्रम
हिंदी भाषाशिक्षण सी.डी. श्रंखला : हिंदी आलोक के अंतर्गत हिंदी को नवीनतम सूचना एवं संचार तकनीकी (ICT) माध्यमों से जोड़कर देश-विदेश में फैले हिंदी शिक्षार्थियों के लिए हिंदी भाषाशिक्षण के विविध पक्षों पर मल्टीमीडिया सी.डी. तैयार की जा रही हैं।
हिंदी भाषाशिक्षण सी.डी. का प्रमुख उद्देश्य है- ‘देश-विदेश में अपने विभिन्न प्रयोजनों से निजी स्तर पर हिंदी सीखने के इच्छुक शिक्षार्थियों को घर बैठे आधुनिक सूचना एवं तकनीकी माध्यमों और सुविधाओं का उपयोग करते हुए रोचक एवं व्यवस्थित ढंग से भाषा सीखने की सामग्री उपलब्ध कराना।’ इस दृष्टि से इस परियोजना में प्रस्तुत किए जाने वाले कार्यक्रमों (सी.डी.) का फ़ॉर्मेट परंपरागत ऑडियो-वीडियो प्रस्तुति के स्थान पर शिक्षार्थी-केंद्रित मल्टीमीडिया सी.डी. के रूप में तय किया गया है ताकि इनमें प्रस्तुत की जाने वाली शिक्षण सामग्री एवं सहायक उपकरण-युक्तियों का शिक्षार्थी अपनी व्यक्तिगत आवश्यकता और गति से उपयोग कर पाएँ।
इस योजना में प्रस्तुत की जाने वाली संपूर्ण शिक्षण-सामग्री के निम्नलिखित 10 पैकेज तय किए गए हैं-
(i) मौखिक कौशल
(ii) लेखन कौशल
(iii) हिंदी शब्द संवर्धन (सक्रिय शब्द निर्माण)
(iv) हिंदी की व्याकरणिक संरचना
(v) हिंदी व्यवहार
(vi) हिंदी साहित्य शिक्षण (गद्य)
(vii) हिंदी साहित्य शिक्षण (पद्य)
(viii) हिंदी में सूचना संसाधन
(ix) मीडिया में हिंदी
(x) हिंदी भाषी समाज और संस्कृति
हर पैकेज में विषय की आवश्यकतानुसार अनेक सी.डी. होंगी। योजना के प्रथम चरण में ‘हिंदी उच्चारण शिक्षण’ और ‘हिंदी लिपि शिक्षण’ विषयक दो कार्यक्रमों का निर्माण पूर्ण हो चुका है। इसके अलावा ‘मीडिया में हिंदी’, ‘हिंदी में कंप्यूटर और सूचना-तकनीकी संसाधन’ और ‘हिंदी भाषी समाज और संस्कृति’ विषयों पर मल्टीमीडिया कार्यक्रमों के निर्माण की प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है।
शैक्षिक ऑडियो कार्यक्रम
हिंदी सुरभि (ऑडियो सी.डी.) श्रंखला के लक्षित लाभार्थी वे सभी हैं जो अपनी व्यक्तिगत रुचि, आवश्यकता और सुविधानुसार हिंदी साहित्य की उच्चतर सृजनात्मक उपलब्धियों से परिचित होना चाहते हैं। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए संस्थान इस परियोजना के अंतर्गत हिंदी साहित्य के विभिन्न कालखंडों से चयनित कवियों की रचनाओं पर आधारित संगीतमय ऑडियो कार्यक्रमों का निर्माण कार्य कर रहा है।
हिंदी सुरभि श्रंखला में कुल 16 कवियों की रचनाओं पर संगीतमय ऑडियो सी.डी. तैयार की जानी हैं। इन कवियों के नाम इस प्रकार हैं-
कबीरदास, सूरदास, मीरा, ग़ालिब, नज़ीर अकबराबादी, फ़िराक़ गोरखपुरी, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, सुमित्रानंदन पंत, जयशंकर प्रसाद, महादेवी वर्मा, दुष्यंतकुमार, त्रिलोचन, कुँवर नारायण, केदारनाथ सिंह, चंद्रकांत देवताले और विजेंद्र।
निराला, अज्ञेय, त्रिलोचन, फ़िराक गोरखपुरी की रचनाओं की संगीतमय ऑडियो सी.डी. तैयार की जा चुकी हैं। इनके अलावा सूरदास की रचनाओं की ऑडियो सी.डी. की डमी भी तैयार है।
शैक्षिक वीडियो कार्यक्रम
उपरोक्त मल्टीमीडिया भाषाशिक्षण सीडी और संगीतमय ऑडियो सीडी के अलावा इस परियोजना की एक और महत्वपूर्ण एवं गौरवशाली उपलब्धि है- महीयसी महादेवी वर्मा के जीवन और कृतित्व पर आधारित शैक्षिक वीडियो वृत्तचित्र : "पंथ होने दो अपरिचित"
इन सभी सी.डी. का उद्घाटन दिनांक 23.10.08 को साहित्य अकादमी सभागार, नई दिल्ली में किया गया.
इन सभी कार्यक्रमों को तैयार करने के लिए शैक्षणिक एवं साहित्यिक कार्यक्रम निर्माण में अनुभव रखने वाले देश के प्रतिष्ठित प्रोड्यूसरों का सहयोग लिया जा रहा है।
विक्रय मूल्य
वीडियो सी.डी. रु. 100.00 मात्र
ऑडियो सी.डी. रु. 60.00 मात्र
मल्टीमीडिया सी.डी. रु.100.00 मात्र
डाक द्वारा सी.डी. मँगाने के लिए
सी.डी. का कुल विक्रय मूल्य + डाक व्यय (लागू डाक दर के अनुसार) + पैकेजिंग शुल्क रु. 25/- मात्र का भुगतान "सचिव केंद्रीय हिंदी शिक्षण मंडल" के पक्ष में आगरा में देय डिमांड ड्राफ़्ट द्वारा प्रेषित करें।
विक्रय केंद्र
सी.डी. खरीदने के लिए संपर्क करें -
विक्रय मंडप
केंद्रीय हिंदी संस्थान, हिंदी संस्थान मार्ग, आगरा – 282005
दूरभाष : 0562-2530683 निदेशक सचिवालय : 0562-2530684
ईमेल : response@hindisansthan.org